As kuchu smju part raghuraaya lyrics in hindi
जैसे कोइ इक दीन दुखित अति असन-हीन दुख पावै
चित्र कलपतरु कामधेनु गृह लिखे न बिपति नसावै
जब लगि नहिं निज हृदि प्रकास, अरु बिषय-आस मनमाहीं
तुलसिदास तब लगि जग-जोनि भ्रमत सपनेहुँ सुख नाहीं
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जैसे कोइ इक दीन दुखित अति असन-हीन दुख पावै
चित्र कलपतरु कामधेनु गृह लिखे न बिपति नसावै
जब लगि नहिं निज हृदि प्रकास, अरु बिषय-आस मनमाहीं
तुलसिदास तब लगि जग-जोनि भ्रमत सपनेहुँ सुख नाहीं